गणेश चतुर्थी 2025 तारीख, पूजन समय एवं गणेश जी की बाते

गणेश चतुर्थी , जिसे विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक पावन त्योहार है जो कि पूरे भारत वर्ष में बहुत ही हर्ष उल्लास  के साथ मनाया जाता है  गणेश चतुर्थी भगवन गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल भाद्रपद महीने की चतुर्थी तिथि को बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है और इस वर्ष गणेश चतुर्थी 2025 में बुधवार, 27 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी, और इसका समापन गणेश विसर्जन के साथ शनिवार, 6 सितंबर 2025 को होगा।

गणेश जी की जन्म की कहानी

गणेश जी का जन्म की कहानी एक अद्भुत और गहराई से भरी हुई है, जो प्रतीकों और अर्थों से भरपूर है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, गणेश जी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं।

कहानी के अनुसार, एक बार जब भगवान शिव तपस्या करने हिमालय चले गए, तो माता पार्वती अकेली और उदास हो गईं। उन्होंने अपने अकेलेपन से उबरने और साथ पाने के लिए चंदन के लेप से एक बालक की मूर्ति बनाई और उसमें प्राण फूंक दिए — यही थे गणेश

एक दिन स्नान करते समय माता पार्वती ने गणेश को आदेश दिया कि वे किसी को भी भीतर न आने दें। उसी समय भगवान शिव लौटे और अंदर जाने लगे, लेकिन गणेश जी — जो अपने पिता को पहचानते नहीं थे — उन्हें रोक दिया। इस बात को लेकर दोनों के बीच विवाद हो गया और क्रोध में आकर शिव जी ने गणेश का सिर काट दिया।

जब शिव जी को अपनी भूल का एहसास हुआ और यह जाना कि उन्होंने अपने ही पुत्र का वध कर दिया है, तो वे बेहद दुखी हुए। फिर उन्होंने अपने गणों से कहा कि वे पहले जिस भी जीव से मिलें, उसका सिर लाकर दें। सबसे पहले एक हाथी मिला, और उसका सिर लाकर शिव जी ने गणेश के शरीर पर जोड़ दिया, जिससे उन्हें एक अनोखा रूप मिला।

शिव जी ने गणेश को यह वरदान भी दिया कि वे सबसे पहले पूजे जाने वाले देवता होंगे और सभी विघ्नों को दूर करने वाले कहलाएंगे। इसी वरदान के कारण गणेश जी प्रथमेश कहलाए आप सभी ने देखा होगी जब भी कोई भी शुभ काम किया जाता है तो सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है इसका कारण शिव जी का यह दिए हुआ वरदान हैं | 

 

गणेश चतुर्थी 2025 तारीख और समय

अवसर तारीख समय
गणेश चतुर्थी बुधवार, 27 अगस्त 2025
चतुर्थी तिथि प्रारंभ मंगलवार, 26 अगस्त 2025 दोपहर 1:54 बजे
चतुर्थी तिथि समाप्त बुधवार, 27 अगस्त 2025 दोपहर 3:44 बजे
गणेश विसर्जन (अनंत चतुर्दशी) शनिवार, 6 सितंबर 2025

विसर्जन तिथि: शनिवार, 6 सितंबर 2025 को अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है

गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?

भगवान गणेश जोकि बुद्धि, समृद्धि के देवता माना जाता है। उन्हें विघ्नहर्ता यानी जीवन की बाधाओं को दूर करने वाला भी कहा जाता है। गणेश चतुर्थी सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी बहुत खास है। यह लोगों को एकजुट करता है और भक्ति की भावना जगाता है।यहाँ जानिए इस पर्व के पीछे की महत्वपूर्ण बातें:

भगवान गणेश का जन्म उस शुभ दिन की याद दिलाता है जब भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश जी का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी का यह दिन हर साल भादो माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है, जोकि सामान्यत अगस्त या सितंबर महीने  में पड़ता है।

गणेश जी का जीवन में महत्व भगवान गणेश को नई शुरुआतों का स्वामी माना जाता है। वो ऐसे देवता हैं जिनका नाम लेकर हर शुभ कार्य शुरू किया जाता है।उनकी पूजा से बुद्धि, विवेक, सफलता और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। 

सकारात्मकता, सौहार्द और ऊर्जा गणेश चतुर्थी के समय समाज का हर व्यक्ति ,चाहे वो किसी भी का हो, एकजुट होकर साज-सज्जा, भजन-कीर्तन, नृत्य, संगीत और मिठाइयों के साथ उत्सव मनाता है। जो समाज में नई ऊर्जा का संचार करता है । 

 

गणेश विसर्जन का मतलब क्या है?

त्योहार के अंतिम दिन यानी अनंत चतुर्दशी को गणपति बप्पा की मूर्ति को श्रद्धा के साथ पानी में विसर्जित किया जाता है। इसका अर्थ है —
“जिस मिट्टी से भगवान बने थे, अब वे उसी में लौट रहे हैं।”

 

गणेश चतुर्थी का संदेश

गणेश चतुर्थी सिर्फ पूजा या त्योहार नहीं है, यह अपने आप में एक आस्था, नई शुरुआत, सामूहिक खुशी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।

 

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